Thursday, December 2, 2010
DOCTORS KO DI SALAH
कोटा राजस्थान में डॉक्टर्स का अधिवेशन चल रहा हे आखरी दिन कोटा मेडिकल कॉलेज के निओरोलोजिस्ट डाक्टर सरदाना ने अपने साथियों को आयेना दिखाया कि जब मरीज़ अस्पताल लाया जाता हे तो हम डोक्टर आधा घंटे तक उसका इलाज नहीं करते चाहे उस मरीज़ के खून ही कियों न बह रहा हो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हमारे साथ हो तो हम क्या करें ? उन्होंने कहा कि रात को ११ बजे मरीज़ भर्ती होता हे तो सुबह तक वो मर जाता हे कियों कि उसको कोई वरिष्ट डाक्टर देखने नहीं जाता अगर हम पर कभी ऐसा गुज़रे तो हमारा रेअक्तशन केसा हो ? मरीज़ के परिजनों का डाक्टोर्स पर नाराज़ होना वाजिब हे परिजनों कि बात को भी सुना जाना चाही हे जब मरीज़ के परिजन मरीज कि तबीअत बिगड़ ने पर डाक्टर के पास जाता हे तो वो कहता कि स्टाफ से कहों वो कल करेगा जब देखे गें जब तक मरीज़ मर भी सकता हे फिर परिजन क्यों न हम से लडेगा हमें परिजनों कि भी सुनना चाहएहे जब परिजन का मरीज़ घम्भीर बीमार होता हे तब उनकी मन इस्थिति को हमें समझना होगा राजस्थान में गत 5 सालों में रोगी और डाक्टर के टकराव के मामलों में 90 % डाक्टर गलत होते हें डाक्टर सरदाना ने जो नसीहत अपने साथियों को दी हे अगर इसको वोह अपना लें तो डाक्टर से मरीज़ के परिजनों का झगड़ा ही न हो और नाही कभी इस मामले को लेकर कोई हड़ताल ही हो नाही हड़ताल कि वजह से कोई मरीज़ कि मोंत हो इस सलह के लिए डाक्टर सरदाना बधाई के पात्र हें
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