Wednesday, December 8, 2010

FANSI KI SAZA KIYON NAHI ?

आज देश में हर तरफ रिश्वत खोरी बेईमानी व् सरकारों को बे दर्दी से लूटने का काम चरम सीमा पर हे जनता ने भी मान  लिया हे कि बिना रिश्वत के कोई काम नाही करेगा संसद से लेकर पंचायत तक अस्पताल से लेकर शमशान तक थाने से लेकर अदालत तक पूरा देश ब्रशत्ताचार में लिप्त हे इमानदारों को अंगूलियों पर गिना जा सकता हे ऑफिस में ईमानदारी दिखाने वालों को बरफ में लगा दिया जाता हे हर इन्सान कि ज़बान पर ब्राश्त्तचारियों का नाम हे फिर कानून में बदलाव क्यों नहीं ? आंतकवाद से भी गहरी जड़ें मज़बूत कर ली हे ब्रस्ताचार ने हर तरफ हर कोने में ब्रश्ताचार हे इस पे कानून इतना लचीला कि कुछ मामलों में तुरंत ज़मानत  ,ब्रस्ताचारियों के लिए टाडा जेसा सख्त कानून क्यों नहीं ? कानून बनाने का हक जनता को होना चाहिय  उनके चुने हुवे नेता तो ब्रष्ट  हो चुके हें फिर अपने विरुद्ध सख्त कानून कियों बनायेगे ?कानून में बदलाऊ वक़्त का तकाजा हे बदलना होगा ब्रश्ताचारियों के पक्ष का कानून ! कानून में फांसी कि सजा हो आखरी फैसला अदालत करे राष्ट्रपति को अपील सुनने का प्रावधान न हो वर्ना अफज़ल गुरु कि तरह वर्षो गुज़र जाएँगे कानून कि पलना कराने में !आबिद अब्बासी कोटा

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